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इंतज़ार शायरी | Intezaar Shayari in Hindi | Best Status On ...











इंतज़ार है हमे आपके आने का, वो नज़रे मिला के नज़रे चुराने का, मत पूछ ए-सनम दिल का आलम क्या है, इंतज़ारा है बस तुझमे सिमट जाने का. 

कब उनकी पलकों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुज़र रही है रात उनकी याद में; कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा! 

      ज़माने भर से हो रंजिश, घटा कैसी ही छाई हो, मजा तो तब है तेरी जब, तुझी से ही लड़ाई हो/ सितारे गर्दिशो में हो, मुकद्दर हाशिये पर हो , रहे इम़ा तेरा सच्चा, की जब जब सर उठाई हो / हो जब ये हौसला तेरा, मुसलसल कारवां तेरा, हो शोले आंख में तेरे, मशालें जब जलाई हो / क़यामत से तू ले लोहा, खुदा भी देखता होगा, अजानो में मगर तेरे उसी की ही खुदाई हो/ नहीं मुमकिन तेरा दिलवर हमेशा साथ हो तेरे , असल जज्बा मुहब्बत का मुहब्बत में जुदाई हो/ ज़माने भर से हो रंजिश, घटा कैसी ही छाई हो, मजा तो तब है तेरी जब, तुझी से ही लड़ाई हो .
तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे है तू एक नज़र हम को देख ले इस आस मे कब से बेकरार बैठे है . 


 मोहब्बत का नतीजा, दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हे दावा था वफ़ा का, उन्हें भी हमने बेवफा देखा.  जिंदगी हे सफर का सील सिला, कोइ मिल गया कोइ बिछड़ गया, जिन्हे माँगा था दिन रत दुआ ओमे, वो बिना मांगे किसी और को मिल गया. 
 आँखों मे आ जाते है आँसू, फिर भी लबो पे हसी रखनी पड़ती है, ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो, जिस से करते है उसीसे छुपानी पड़ती है   
 याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो? दूर हे जब जाना था.. फिर रूलाती है क्यो? दर्द हुआ है ऐसे, जले पे नमक जैसे. खुद को भी जानता नही, तुझे भूलाऊ कैसे? 


 इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है, खामोशियो की आदत हो गयी है, न सीकवा रहा न शिकायत किसी से, अगर है तो एक मोहब्बत, जो इन तन्हाइयों से हो गई है..! 

 निकलते है तेरे आशिया के आगे से,सोचते है की तेरा दीदार हो जायेगा, खिड़की से तेरी सूरत न सही तेरा साया तो नजर आएगा 


तेरे इंतजार में यह नज़रें झुकी है, तेरा दीदार करने की चाह जागी है, ना जानू तेरा नाम, ना तेरा पता ना जाने क्यूँ इश्स पागल दिल में एक अंजानी सी बेचैनी जागी है !


 जीना चाहता हूँ मगर जिनदगी राज़ नहीं आती , मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती , उदास हूँ इस जिनदगी से , क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती .. 


इंतेज़ार रहता है हर शाम तेरा, रातें काट ते है ले ले के नाम तेरा, मुद्दत से बैठी हू ये आस पाले, शायद अब आ जाए कोई पैगाम तेरा 


किसी को मेरी याद आए एक अरसा हुआ, कोई है हैरान तो कोई तरसा हुआ. इस तरह खामोश हैं ये दिल ये आँखे मेरी, जैसे खामोश हो कोई बदल बरसा हुआ. 

 फूलो से सजे गुलशन की ख्वाइश थी हमें, मगर जीवनरूपी बाग़ में खिल गए कांटे. अपना कहने को कोई नहीं है यहाँ, दिल के दर्द को हम किसके साथ बांटे .


वो कह कर गया था मैं लौटकर आउंगा; मैं इंतजार ना करता तो क्या करता; वो झूठ भी बोल रहा था बड़े सलीके से; मैं एतबार ना करता तो क्या क्या करता। 


इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा! 

 भले ही राह चलते का दामन थाम ले, मगर मेरे प्यार को भी तू पहचान ले, कितना इंतेज़ार किया है तेरे इश्क़ में, ज़रा यह दिल की बेताबी तू जान ले..       
 ज़िंदगी हसीन है ज़िंदगी से प्यार करो, है रात तो सुबह का इंतज़ार करो, वो पल भी आएगा जिसका इंतज़ार है आप को, रब पर भरोसा और वक़्त पे ऐतबार रखो   .









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